सच्चे परमेश्वर को कैसे पहचाने?
इस दुनिया में प्रतिदिन हज़ारो लाखों संख्या में बच्चे जन्म लेते है और प्रति दिन लगभग उतनी ही संख्या में लोगों की मौत भी होती है लकिन दुर्भाग्यवश हर इंसान अपने पीछे एक सवाल को नज़रअंदाज़ कर जाता है की सच्चा परमेश्वर कौन है इंसान को पेड़ पौधे जीव जन्तुओ नदी घाटी पर्वत पहाड़ों सूरज सितारों को बनाने वाला परमेशर कोण ही वो कैसा दिखाई देता है उसकी खोज कैसे करें? आज मनुष्य अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर को भूल चूका है और दुनिया के चकाचौंध में कही खो गया है
सच्चे परमेश्वेर को कैसे पहचाने?
एक बच्चा जब जन्म लेकर इस संसार में आता है तब उसे कुछ भी पता नहीं होता क्योंकि उसकी बुद्धि की स्तर
बहुत कम होती है इसलिए बच्चा जैसे जैसे बड़ा होने लगता है उसकी बुद्धि का स्तर धीरे धीरे विकसित होने लगता है और उसके मन में बहुत सारे सवाल आने लगते है जैसे की इस संसार को किसने बनाया इंसान की मृत्यु क्यों होती है इंसान का इस जीवन में आने का मुख्य लक्ष्य क्या है इंसान की मौत होने का बाद क्या होता है ये सारे सवाल हर बच्चे के मन में कही न कही छुपा हुआ होता है लकिन दुनिया के कामो में व्यस्त होने के कारण तथा दुनिया का आनंद लेने के कारण ऐसे सवालो को नज़रअंदाज़ कर देता है और इन सारे सवालों का जवाब जानने की कोशिश भी करता है तो अपने आस पास ही जवाब ढूंढ रहा होता है ऐसे में वो अपने परिवार या समाज के बताए हुए जवाब से संतुष्ट होकर रह जाता है और उसके बाद अपने व्यक्तिगत जीवन में इतना व्यस्त हो जाता है की उसके मन में ऐसे सवाल उठना ही बंद हो जाता है सिर्फ अपने धर्म में बताए गए रीती रिवाजों परम्पराओं पर्व त्योहारों को मानकर सोच लेता है की शायद वो परमेश्वर को पहचान चूका है उसके बाद अगर उसके बच्चे उससे यही सवाल पूछे तो उसे वही जवाब देता है जो उसके परिवार वालो ने या समाज वालों ने बताया होता है इस तरह से वो पूरी जिंदगी धोखे में गुजार देता है और एक दिन उसकी मौत हो जाती है. अब सवाल ये उठता है की आखिर सच्चे परमेशर को कैसे पहचाने? इसका उत्तर कोई इंसान सकता परमेश्वर को जानना है तो आप परमेश्वर से सीधे बात करके पूछ सकते हो परमेश्वर ने प्रत्येक को बूुद्धि और विवेक दिए है ताकि उसी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करके आप उस तक पहुंच सके परमेश्वर को जानने के लिए आपको किसी की आवश्यकता नहीं है परमेश्वर ने सरे ब्रम्हाण्ड को रचा है उसके लिए कुछ भी नामुनकिन नहीं है वो खुद आपको अपना परिचय दे सकते है बस आवश्यकता है आपको उसको अपने सम्पूर्ण बुद्धि सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण ह्रदय से ढूंढ़ने की
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